आज की पोस्ट में दोस्तो आपको जी.के . के अंतर्गत वनों के प्रकार (Types of forests) विषयवस्तु को पढेंगे ,आप इसे अच्छे से पढ़ें |
1. शुष्क सागवान वन (Types of forests)
⇒ शुष्क सागवान वन 75 से 110 से. मी. वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। राजस्थान में मुख्यतः बांसवाङा में ये सघन रूप से पाए जाते हैं।
⇒ इसके अलावा प्रतापगढ, दक्षिणी उदयपुर, आबू पर्वत के कुछ भाग तथा बारां जिलों में भी सागवान के वन अन्य वृक्षों के साथ मिश्रित रूप में पाए जाते हैं। इन वनों का मुख्य वृक्ष देशी सागवान है।
2. उष्ण कटिबंधीय शुष्क या मिश्रित पतझङ वन (Types of forests)
⇒ इस प्रकार के वन दक्षिणी एवं दक्षिणी-पूर्वी अरावली के मध्यम ऊंचाई वाले ढालों, जहां वर्षा का वार्षिक औसत 50 से 80 से. मी. रहता है, में पाए जाते हैं।
⇒ इस प्रकार के वन उदयपुर, बांसवाङा, राजसमंद, चित्तौङ, भीलवाङा,सवाई माधोपुर व बूंदी जिलों में सर्वाधिक है तथा जयपुर, अजमेर, भरतपुर, धौलपुर, अलवर आदि जिलों में अत्यधिक कटाई के कारण ये वन बहुत कम मात्रा में रह गए है।
इस प्रकार के वनों के मुख्य वृक्ष-आम,धोकङा खैर, ढाक,साल, बाँस आदि हैं। राज्य में धोकङा वन सर्वाधिक हैं।
3. उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन (Types of forests)
⇒ ये वन केवल आबू पर्वत के चारों ओर 52 किमी क्षेत्र में लगभग 150 सेमी या अधिक वार्षिक वर्षा व अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ये वन सघन तथा वर्ष भर हरे-भरे रहते हैं।
⇒ यह वानस्पतिक विविधता की दृष्टि से राज्य का सर्वाधिक सम्पन्न क्षेत्र है। यहाँ मुख्यतः सिरस,बाँस बेल, जामुन, रोहिङा आदि वृक्ष पाए जाते हैं। इस प्रकार के वनों का क्षेत्र मात्र 0.39 प्रतिशत ही है।
4. शुष्क या मरुस्थलीय वन (Types of forests)
⇒ राज्य के मरुस्थलीय क्षेत्रों, जहां वर्षा का वार्षिक औसत 30 सेमी से भी कम पाया जाता है, केवल खारे, दलदली व नमी वाले निचले क्षेत्रों, बस्तियों व कुओं के आसपास कंटीली झाङियों, घास एवं वृक्षों के रूप में इस प्रकार के वन पाए जाते हैं।
⇒ इन वनों की मुख्य वनस्पति खेजङी, बबूल, थूहर, केर, कीकर, बेर, फोग व अन्य कंटीली झाङियां तथा सेवण, धामन, मुरात आदि घास हैं। जैसलमेर से पोकरण व मोहनगढ तक पाकिस्तानी सीमा के सहारे-सहारे एक चैङी भूगर्भीय जल पट्टी, जिसे लाठी सीरीज क्षेत्र कहा जाता हैं, में उपयोगी सेवण घास अत्यधिक मात्रा में उगती हैं।
5. अर्द्धशुष्क क्षेत्रों के कांटेदार वृक्ष व झाङी वाले वन (Types of forests)
⇒ ये वन अरावली के पश्चिमवर्ती अर्द्धशुष्क क्षेत्रों, यथा सीकर, झुंझुनूं, जालौर, जोधपुर के पूर्ववर्ती भाग,टोंक, जयपुर आदि जहां वर्षा का वार्षिक औसत 30 से 60 सेमी रहता है, में पाए जाते हैं। इनमें मुख्यतः बबूल, खेजङी, रोहिङा, बेर, केर, थूहर, करुन आदि वृक्ष व झाङियां मिलती हैं।
⇒ ढाक पलास वन अपने सुर्ख लाल एवं पीले रंग के कारण ये वन जंगल की ज्वाला के नाम से प्रसिद्ध हैं। इनमें मुख्य वृक्ष पलास (ढाक) हैं। ये वन मुख्यतः राजसमंद एवं आसपास के क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
राजस्थान की प्रसिद्ध ओढ़नियाँ
आज की पोस्ट वनों के प्रकार (Types of forests) आपको कैसे लगी आप जरुर कमेंट बॉक्स में लिखें
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