पॉटरी कला(Potri kala )
जयपुर में चीनी मिट्टी के सफेद और नीले रंग के तथा फूल पत्तियों के डिजाइनदार बर्तन व कलात्मक खिलौने बनाए जाते हैं ।अलवर की डबल कटवर्क की पोटरी को कागजी नाम से जानते हैं ।कोटा की ब्लैक पॉटरी फूलदानों, प्लेटो और मटको के लिए प्रसिद्ध है। चीनी मिट्टी के बर्तनों पर रंगीन और आकर्षक चित्र कार्य को ब्लू पॉटरी कहते हैं ।नीले रंग का इसमें विशेष महत्व है व इसका जन्म ईरान में होना माना जाता है। जयपुर की ब्लू पॉटरी प्रसिद्ध है। जिसका प्रारंभ मानसिंह प्रथम ने किया था लेकिन सर्वाधिक विकास सवाई राम सिंह के समय में हुआ था ।
वर्तमान में पदम श्री कृपाल सिंह इस कला के प्रमुख प्रणेता है। महाराजा रामसिंह के काल में इसका सर्वाधिक विकास हुआ था वर्तमान में ब्लू पॉटरी के कृपाल सिंह शेखावत अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार है
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